वर्ण विचार किसे कहते हैं और वर्ण विचार की परिभाषा क्या होती हैं।

आज के इस आर्टिकल में वर्ण विचार के बारे में बताया गया हैं जिसमे वर्ण विचार क्या है, वर्ण विचार की परिभाषा और वर्ण विचार के भेद के बारे में बताया गया हैं। जिसे आप पढ़कर वर्ण विचार (Varn Vichar) के बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं।

वर्ण विचार किसे कहते हैं – Varn Vichar Kise Kahate Hain

Varn Vichar Kya Hai

वर्ण विचार (Varn Vichar) – वर्ण विचार व्याकरण का वह भाग है, जिसमे अक्षरों या वर्णों के उच्चारण, आकार, भेद तथा उनसे शब्द बनाने के नियमों का वर्णन हो।

वर्ण (Varn) किसे कहा जाता हैं और वर्ण के कितने भेद होते हैं। 

” भाषा की मूल ध्वनि और मूल ध्वनि के प्रतीक-चिन्हों को वर्ण कहा जाता हैं। “

>> वर्ण को अक्षर भी कहा जाता हैं।

>> आधुनिक हिंदी में 52 वर्ण हैं।

वर्णो की पहचान के लिए ‘चिन्ह’ बनाये गए हैं। जैसे – अ, आ, क, च, ट, त, प, य आदि।

अर्थात ‘वर्ण’ उस मूल ध्वनि को कहा जाता है जिसका खण्ड नहीं किया जा सकता है।’ जैसे – ‘राम’ शब्द ‘रा’ और ‘म’ के मिलने से बना है।

इसके भी आगे चार खंड हो सकते है। जैसे – ऱ+आ+म+अ = राम। इन चार अलग-अलग खंडो को आगे खंडित नहीं किया जाता है, अतः ये ‘अक्षर’ या वर्ण कहलाते हैं।

वर्णमाला – वर्णो के क्रमबद्ध समुदाय को ‘वर्णमाला’ कहते हैं। मूलतः आधुनिक हिंदी में 52 वर्ण हैं।

जैसे –

स्वर वर्ण –

अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ

व्यंजन वर्ण –

कवर्ग
चवर्ग
टवर्ग
तवर्ग
पवर्ग
अंतःस्थ
ऊष्म
संयुक्ताक्षर क्ष त्र ज्ञ श्र
द्विगुण व्यंजन
अयोगवाह अं अः
वर्णमाला सूचि

ध्यान दे :- ड़ और ढ़ हिंदी वर्णमाला के नए वर्ण हैं। किसी शब्द के आरम्भ में इन वर्णो का प्रयोग नहीं होता। इनका प्रयोग शब्द के मध्य और अंत में होता है। जैसे – सड़क, मेढ़क।

लिपि :- भाषा के लिखने के ढंग को ‘लिपि’ कहा जाता है।

अलग-अलग भाषा को अलग-अलग ढंगों से लिखा जाता है। संस्कृत और हिंदी जिस लिपि में लिखी जाती है, उसे देवनागरी लिपि कहते हैं।

अंग्रेजी जिस लिपि में लिखी जाती है, उसे रोमन लिपि कहते हैं। उर्दू जिस लिपि में लिखी जाती है, उसे फारसी लिपि कहते हैं।

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वर्ण के कितने प्रकार होते हैं। – Varn Ke Kitne Parkar Hote Hain

हिंदी व्याकरण में वर्ण के दो प्रकार होते हैं –

1 . स्वर वर्ण – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ

2 . व्यंजन वर्ण – क, ख, ग, घ इत्यादि।

Final Thoughts – 

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