वृक्षारोपण (Vriksharopan) पर निबंध हिंदी में | Essay on Vriksharopan in Hindi

आज के इस हिंदी निबंध (Hindi Essay) के आर्टिकल में हम वृक्ष के महत्व पर हिंदी में आर्टिकल पढ़ेंगे।

हमें अधिक से अधिक मात्रा में क्यों वृक्ष को लगाना चाहिए अर्थात वृक्षारोपण क्यों करना चाहिए। वृक्षारोपण करने से होने वाले फायदे और नुकसान आदि के बारे में हम इस निबंध में पढ़ेंगे।

हमने अभी तक इस ब्लॉग HindiDeep.Com पर अनेक प्रकार के निबंध हिंदी में पढ़ चुके हैं।

जैसे की विज्ञान के महत्व पर निबंध, सदाचार पर निबंध, वर्षा ऋतू और वसंत ऋतू पर निबंध आदि। आपने अगर अभी तक इसे नहीं पढ़ा तो इसे भी जरूर पढ़िए।

तो दोस्तों अब हम आज का यह आर्टिकल वृक्षारोपण पर निबंध को शुरू करते हैं। आप निबंध पढ़ने के बाद नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से यह जरूर बताये की आपको यह निबंध कैसा लगा।

वृक्षारोपण पर निबंध – Vriksharopan Par Nibandh in Hindi

आदिकाल से वृक्ष और मानव जीवन का अभिन्न सम्बन्ध रहा है। मानव ही क्या, समस्त जीव जगत का वृक्ष के साथ घनिष्ठ सम्बन्ध है। वृक्ष प्रकृति के विशेष उपहार हैं।

हमारी तीन अनिवार्य आवश्यकताओं – ” भोजन, वस्त्र और आवास ” की पूर्ति आदिकाल से वनस्पतियों से ही हो रही हैं।

जीवन के हर एक क्षेत्र में पेड़-पौधे ने हमारी सहायता की है। भोजन के लिए इन्होंने अन्न-फूल, वस्त्र के लिए पहले अपनी छाल और पत्ते, फिर कपास, गृह निर्माण के लिए घास-फूस तथा लकड़िया प्रदान किए हैं।

प्राचीन काल से ही वृक्ष लगाना हमारे देश में पुनीत कार्य माना जाता रहा है। भारतवर्ष प्राकृतिक सुषमा, रमणीयता और वासंती वैभव के लिए जगत-विख्यात रहा है।

वृक्षारोपण हमारा राष्ट्रीय कार्यक्रम है। वृक्षों से अनेक प्रकार के लाभ होते हैं। वैज्ञानिक परीक्षणों ने सिद्ध कर दिया है की सूर्य के प्रकाश में वृक्ष अत्यधिक मात्रा में ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं।

आपको पता ही होगा की ऑक्सीजन जीवमात्र के लिए प्राण वायु है। साथ जीवों द्वारा उत्सृजित कार्बन डाई ऑक्साइड ये पेड़-पौधे स्वयं ग्रहण करते हैं, जिससे हमारा वातावरण शुद्ध होता रहता हैं।

वृक्ष वर्षा कराने में भी सहायक होते हैं। घर बनाने के लिए लकड़िया तथा कागज निर्माण के लिए भी कच्चा माल हमें वृक्षों से ही मिलता हैं।

जनसंख्या की तीव्र वृद्धि से उनके आवास के लिए तथा खाद्यान्न की आपूर्ति के लिए कृषि योग्य भूमि की खोज हुयी जिसमे लाखो हेक्टेयर जमीन पर लगे वृक्षों और वनों को काटा गया।

वहाँ आवासीय बस्तियाँ बसी, कल-कारखाने स्थापित किये गए तथा कृषि-कार्य होने लगे। परिणाम यह हुआ की भारतवर्ष की जलवायु में निरस्त और शुष्कता आ गई।

प्रकृतिक सौंदर्य का आभाव देखा जाने लगा। समय पर वर्षा होने में कमी हो गयी। भूमिक्षरण प्रारम्भ हो गया।

वृक्षों से ऑक्सीजन मिलने में कमी आ गई, जिसका दुसित प्रभाव जन-जीवन के स्वास्थ्य पर पड़ा। इस भयावह स्थिति को देखकर 1950 ई. से ‘वन महोत्सव’ की योजना का कार्यक्रम का शुरुवात किया गया।

नए वृक्ष लगाए जाने लगे। हरे और फलदार वृक्षों की मनमानी कटाई पर रोक लगा दी गई। जंगलों की कटाई के लिए सरकार से पूर्व अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य हो गया है।

अतः आवश्यकता इस बात की है की वृक्षारोपण के महत्व को हम समझें, नए वृक्ष लगाने में हमारी स्वाभविक अभिरुचि हो तथा इस कार्य को करने के लिए लोगों में जागरूकता फैलायें।

Final Thoughts –

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