मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध – Teacher Essay in Hindi

मैं एक विद्यार्थी हूँ। मैं दसवीं वर्ग में पढ़ता हूँ। हमारे विद्यालय में अनेक शिक्षक है। सभी योग्य, अच्छे, ज्ञानी और लोकप्रिय हैं, किंतु इनमें से कुछ ऐसे हैं जो कभी भुलाया नहीं जा सकते।

My Favourite Teacher Essay in Hindi

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हम जिनकी याद आजीवन करते रहेंगे ऐसे शिक्षकों मैं से एक है श्री शीतल शर्मा जी। जिन्हें हम केवल शर्मा जी कहते हैं, बड़े ही नेक और उदार हैं। उनका श्याम सलोना गात और भव्य चेहरा सबको एकबार अपनी और अवश्य आकृष्ट कर लेता है।

सबके प्रति उनमें अनुपम सहानुभूति है। उनका प्रेम सबके लिए है। वे छात्र-छात्राओं के बीच अपना प्रेम और सहानुभूति भरा भाव इस तरह बिखेर देते हैं कि हम उनके अपने ही हो जाते हैं।

वे हमें अच्छी तरह से पहचानते हैं। हमारी कठिनाइयों का उन्हें पूरा ज्ञान है। वह हमारी हर बात में घुले मिले हैं। वे सब प्रकार से अपना बनकर हमें पथ दिख लाते हैं।

वह बड़े ही सरल स्वभाव के हैं। दया और कृपा के अवतार ही समझे जाएंगे। अपनी स्वाभाविक विनम्रता से वह हमें प्रभावित करते हैं। हमारे प्रति उनका प्रेम सच्चा है।

सदा हमारी मंगल कामना करते हैं। शर्मा जी हमें हिंदी पढ़ाते हैं। वे अपने विषय के अच्छे ज्ञाता है। उनकी वाणी मधुर एवं प्रभावशाली है। अपना विषय वह इतनी अच्छी तरह से पढ़ाते हैं कि साधारण छात्र भी सारी बातें ह्रदयस्थ कर लेता है।

शिक्षक राष्ट्रनायकों का निर्माता होता है। हमारे शर्मा जी सही मायने में निर्माता है। अपने आदर्श काम से ऐसा आकर्षण उपस्थित करते हैं कि हम सब के सब उन्हीं के  सांचे में ढल जाते हैं।

उनका आदर्श और उच्च विचार हमें आदर्श की ओर ले जाते हैं। शर्मा जी बड़े ही अनुशासन प्रिय और समय के पाबंद है। ठीक समय पर घर से चलकर स्कूल पहुंचना बड़ी चारित्रिक विशेषता है।

वे अपने कार्यक्रम के प्रति बड़े ही जागरूक है। जिस समय जो काम करना है वह काम उसी समय पर करते हैं। स्कूल में रहते हुए सदा ही प्रसन्न एवं हर किसी को सहायता देने के लिए तैयार रहते हैं।

हम कभी यदि अस्वस्थ रहे अथवा किसी और कारण से अपने वर्ग में अनुपस्थित हुए, तो शर्मा जी को हम अपने घर पर पूछताछ करने के लिए आशीर्वाद के साथ पाते हैं।

वे सादगी, सदभाव और सेवा मंत्र के साक्षात अवतार हैं। उनके काम में कभी सुस्ती देखने को नहीं मिलती। छोटे-छोटे बच्चों को न जाने कौन-सा मजा मिलता है के उन्हें देखकर दौड़ पड़ते हैं और चरणस्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। शर्मा जी सच्चे अर्थ में शिक्षक हैं। वे हमारे आदर्श है, हम उनको शत-शत प्रणाम करते हैं।

Final Thoughts – 

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