Energy Meaning in Hindi

Energy Meaning in Hindi

Noun

  • ऊर्जा

Pronunciation (उच्चारण)

  • Energy – एनर्जी

Energy Definition in Hindi

किसी देश के आर्थिक विकास में ऊर्जा (Energy) का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान होता है। यह उद्योग, कृषि और परिवहन के लिए आवश्यक है।

बिना ऊर्जा के उद्योगों में उत्पादन नहीं किया जा सकता है। ऊर्जा खेतों में सिंचाई करने के लिए आवश्यक है। इसी प्रकार बिना ऊर्जा के परिवहन संभव नहीं है। इसके अतिरिक्त ऊर्जा की हमारे दैनिक जीवन में अहम भूमिका रहती है।

किसी अर्थव्यवस्था में विद्युत के उपभोग की दर उसके आर्थिक विकास का सूचक है। यदि देश में ऊर्जा के साधन का धीमी गति से विकास होगा। किसी देश का आर्थिक विकास प्रति व्यक्ति ऊर्जा के उपभोग पर निर्भर करता है।

यदि ऊर्जा का प्रति व्यक्ति उपभोग उच्च है तो प्रति व्यक्ति व्यय भी उच्च होगा। यह वह ऊर्जा है जो एक निर्धन एवं विकसित अर्थव्यवस्था के बीच विभाजन रेखा के रूप में है।

एक अमेरिकन भारतीय की तुलना में औसत रूप से लगभग 40 गुणा ऊर्जा का अधिक उपभोग करता है। ऊर्जा के स्त्रोतों को दो भागों में बाँटा जा सकता हैं –

(अ) व्यावसायिक ऊर्जा – व्यावसायिक ऊर्जा के अंतर्गत वह ऊर्जा आती है, जिसके लिए कीमत अदा करनी पड़ती है। यह व्यावसायिक उद्देश्यों हेतु कारखानों, खेतों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में प्रयोग में लाई जाती है।

कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, और विद्युत इसी श्रेणी में आते हैं। विद्युत ऊर्जा व्यावसायिक ऊर्जा है। यह आधारिक संरचना का सबसे महत्वपूर्ण घटक है।

यही किसी राष्ट्र के आर्थिक विकास के स्तर का निर्धारण करती है। प्रायः बिजली की मांग में संवृद्धि दर सकल घरेलू उत्पाद की संवृद्धि से ऊँची होती है। भारत में विद्युत उत्पादन सामर्थ्य में कई गुना वृद्धि हुई है।

(ब) गैर-व्यावसायिक ऊर्जा – गैर-व्यावसायिक ऊर्जा के अंतर्गत ऊर्जा के वे स्त्रोत आते है जिनके लिए सामान्यतः कोई कीमत नहीं चुकानी पड़ती।

इसका मुख्य घरेलू तथा उपभोग उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इनमें ईंधन की लकड़ी गोबर आदि आते है। भारत में कुल ऊर्जा के आधे से अधिक भाग की आपूर्ति (66 प्रतिशत) व्यावसायिक प्रमुख स्थान है।

इसका व्यावसायिक ऊर्जा में 55 प्रतिशत हिस्सा है। पेट्रोलियम, प्राकृतिक ऊर्जा में कोयल का गैस और जल विद्युत के अंशदान क्रमशः 31 प्रतिशत, 11 प्रतिशत व 3 प्रतिशत हैं।

जल विद्युत को छोड़कर व्यावसायिक ऊर्जा के अन्य स्त्रोत समाप्त हो जाते हैं, जबकि गैर व्यावसायिक स्त्रोतों का पुनर्नवीनीकरण (Renewable) हो सकता है। ये दोनों ऊर्जा के परम्परागत स्त्रोत हैं।

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