15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) पर निबंध – Essay on Independence Day in Hindi

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध हिंदी में – Independence Day Essay in Hindi 

हमारे देश का सबसे महत्वपूर्ण और स्वर्णिम पृष्ठ है – 15 अगस्त, 1947। इसी दिन हम सदियों की गुलामी की जंजीर तोड़ कर आजाद हुए।

चंद्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिंह, खुदीराम बोस आदि शहीदों का स्वपन साकार हुआ।

देश की आजादी के लिए उनकी कुर्बानियां सार्थक हुई। महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभभाई पटेल आदि महापुरुषों की साधना पूरी हुई।

दुनिया के आज़ाद देशों के आकाश में एक नया सितारा जगमगा उठा – स्वाधीन भारत।

15 अगस्त हमारा राष्ट्रीय त्योहार है। इस दिन देश के भाग्य ने पलटा खाया, आजादी मिली। इसके लिए हमारे देश के लाखो लोगो ने अपनी जान की बाजी लगाई, अपनी सारी जिंदगी या जवानी जेल के सींकचों के अन्दर गुजार दी।

कितनी माताओं के लाल छिने, कितनी सुहागिनों के माँग धुले तब जाकर यह दिन आया। अंग्रेज हमारे देश में व्यापार करने के लिए आए।

हमारी आपसी फूट से लाभ उठाकर उन्होंने भारतीयों को परतंत्रता के पाश में जकड़ लिया।

यह देखकर स्वतंत्रता-प्रेमी भारतीयों के हृदय में तीव्र आक्रोश पैदा हुआ और उन्होंने अंग्रेजी साम्राज्य के खिलाफ स्वतंत्रता की लड़ाई छेड़ दी।

अंग्रेज अपनी सत्ता की रक्षा के लिए जो कुछ भी कर सकते थे, उन्होंने सबकुछ किया।

फिर भी देशभक्तो ने कदम पीछे नहीं हटाया। हँसते-हँसते फाँसी के तख्ते पर झूले। धीरे-धीरे अंग्रेजी साम्राज्य की नीव हिली। सत्य और अहिंसा के अस्त्र के सामने अंग्रेजो की कठोरता प्रकम्पित हो उठी।

15 अगस्त 1947 का इतिहास – 

15 अगस्त, 1947 की अर्धरात्रि को शताब्दियों की खोई स्वतंत्रता भारत को पुनः प्राप्त हो गई। सारे देश में स्वतंत्रता की लहर दौर गई। लालकिले पर देश का अपना तिरंगा झंडा लहराया।

एक नये अध्याय की शुरुआत हुई। लेकिन 15 अगस्त का दूसरा पहलू भी है। इसके एक दिन पूर्व मातृभूमि के दो टुकड़े हो गए।

भारत का एक अंग कटकर पाकिस्तान बना। अखंड भारत का सपना बिखर गया। हिन्दू और मुसलमानो के बीच अंग्रेजो ने साम्प्रदायिकता की दीवारे खड़ी कर दी – नफ़रत का जहर घोल दिया।

हमारे नेताओं के लाख प्रयत्न के बावजूद उस जहर का असर आज भी देखा जा रहा है। इस प्रकार एक ओर यह दिन हमारे लिए हर्ष का है तो दूसरी ओर विषाद का भी है।

प्रतिवर्ष यह राष्ट्रीय पर्व बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। विद्यालय के छात्र अपने इस ऐतिहासिक उत्सव को बड़े उल्लास और उत्साह के साथ मनाते है।

उस दिन राज्यों की राजधानियों में भी किसी सार्वजानिक स्थानों पर मुख्यमंत्री के कर-कमलो द्वारा झंडा फहराया जाता है।

सरकारी कार्यालयों में काफी सरगर्मी के साथ तिरंगा झंडा फहराया जाता है तथा लोग अपने-अपने घरो पर भी तिरंगा झंडा फहराते है।

देश की राजधनी दिल्ली में विशेष आयोजन होता है। प्रधानमंत्री लालकिले पर झंडा फहराने के बाद राष्ट्र को संबोधित करते है। राज्यों की आकर्षक झाँकियाँ निकली जाती है।

यधपि हमें आज़ादी मिल गई है तथापि देश की स्थिति अभी भी पूरी तरह से अच्छी नहीं हैं। हमारे देश में अशिक्षा है, भ्रष्टाचार है, ग़रीबी है। इन्हें मिटाना होगा, तभी हम सही अर्थ में स्वतंत्र देश के आदर्श नागरिक बन सकेंगे।

Final Thoughts – 

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