शिक्षक दिवस पर निबंध – Essay on Teacher’s Day in Hindi

आज के इस हिंदी निबंध के आर्टिकल में आप शिक्षक दिवस पर निबंध पढ़ सकते हैं। हर एक स्टूडेंट के जीवन में शिक्षक दिवस का एक अलग ही महत्व होता हैं।

जिस दिन सभी विद्यार्थी लोग अपने गुरु अर्थात शिक्षक को उनके द्वारा दिए अमूल्य ज्ञान के लिए सम्मानित करते हैं।

आप इस आर्टिकल में यह भी जान सकते है की आख़िरकार शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता हैं अर्थात इसके दिवस को मनाने के पीछे क्या कारण हैं।

अब हम आज का यह आर्टिकल शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (Teachers Day Essay in Hindi) को शुरू करते हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में – Teacher’s Day Essay in Hindi

शिक्षक दिवस पर निबंध

आधुनिक काल में अंतरास्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न दिवस मनाये जाते है। ये दिवस किसी महान कार्य की स्मृति में या उससे सम्बंधित कल्याण के लिए मनाए जाते है।

राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने वाले दिवसों में प्रमुख है। – स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, शहीद दिवस, सेना दिवस, झंडा दिवस, शिक्षक दिवस, बाल दिवस इत्यादि।

समाज में गुरू या शिक्षक या अध्यापक की गरिमा प्राचीनकाल से ही है। शिक्षा देने वाले शिक्षक कहलाते है। गुरू या शिक्षक होना बहुत बड़ा दायित्व है। शिक्षक बनने के लिए पहले स्वयं कठिन साधना करनी पड़ती है। बहुत बड़ा दायित्व है।

शिक्षक बनने के लिए पहले स्वयं कठिन साधना करनी पड़ती है। प्राचीन काल में आधुनिक विद्यालयों की तरह शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था नहीं थी। छात्र गुरूआश्रमो में रहकर शिक्षक ग्रहण करते थे।

उस समय शिक्षार्थियों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता था। हाँ, उन्हें आश्रम के नियमो का कठोरता से अवश्य पालन करना पड़ता था।

बहुत बाद में चलकर शिक्षक प्रदान करने के रूप में परिवर्तन आ गया। अब शिक्षको को शिक्षा प्रदान करने के बदले नाम मात्र का शुल्क दिया जाने लगा।

उन्हें शुल्क रूप में थोड़े अनाज और कुछ मुद्रा दिए जाते थे। शिक्षक उतने में ही संतुष्ट रहते थे और अपमे कर्तव्य का पालन निष्ठापूर्वक करते थे इसीलिए समाज में उनका भारी सम्मान था।

शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते है। उनके संरक्षण में शिक्षित छात्र राष्ट्र के कर्णधार बनते है पहले गुरूओ या शिक्षकों का सम्मान करने के लिए ‘गुरूपर्व’ मनाया जाता था।

उस समय का गुरूपर्व आधुनिक काल का “शिक्षक दिवस” है। आधुनिक शिक्षक दिवस 5 सितम्बर को मनाया जाता है। 5 सितम्बर, देश के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिन है।

डॉ. राधाकृष्णन दर्शनशाष्त्र के प्रकांड पंडित थे, किन्तु वे मूल रूप से एक अध्यापक थे। राष्ट्रपति बनने के बाद जब उनका जन्म दिन मनाए जाने की बात आई, तो उन्होंने इसे ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाने का परामर्श दिए।

तब से उनका जन्म दिन शिक्षक दिवस के रूप में जाने लगा। इसके पीछे उनका उद्देश्य था शिक्षकों की वर्तमान दशा में सुधार लाना। इस अवसर पर ‘शिक्षक कल्याण कोष’ की स्थापना की गई।

उसका उद्देश्य था शिक्षकों के कल्याण के लिए धन का संग्रह करना। इसके लिए टिकट छपवाकर और उन्हें बेचकर धन संग्रह किया जाता है। निजी विद्यालयों में इस अवसर पर विशेष आयोजन कर शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।

Final Thoughts –

आपने आज के इस आर्टिकल में शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (Essay on Teacher in Hindi) पढ़ा। आपको अगर यह निबंध अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।

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